AI काम कैसे करता है, चलिए समझते हैं

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का कार्यप्रणाली समझना जटिल हो सकता है, लेकिन इसे कुछ सरल भागों में विभाजित कर सकते हैं। AI का मुख्य उद्देश्य मशीनों को ऐसा बुद्धिमान बनाना है कि वे मनुष्य की तरह सोच सकें, समझ सकें और निर्णय ले सकें। आइये बारीकी से समझते हैं कि AI कैसे काम करता है.

AI या Artificial Intelligence एक ऐसी तकनीक है जो की इंसानों के तरह ही सोचता है! लेकिन कैसे? क्या AI में कोई असली दिमाग़ जैसी चीज़ होती है? नहीं, AI बस complex computer programs होते हैं जो की machine learning के माध्यम से अपने आप ही चीजों को सीख लेने में सक्षम हैं।

AI कैसे काम करता है?

AI technology सच में काफ़ी ज़्यादा complex होती है इसलिए इसे समझ पाना थोड़ा कठिन हो सकता है। लेकिन हम आपको AI काम कैसे करता है इसे सहज रूप से समझाने की कोशिश करेंगे।

आसान भाषा में जानने की कोशिश करेंगे तब, AI systems को काम करने के लिए इसे बड़ी मात्रा में data से trained किया जाता है, वहीं ये data को analyze करता है आगे उसे correlations और patterns बनाने के लिए, और वहीं इन patterns को इस्तमाल किया जाता है आगे की prediction करने के लिए।

अब चलिए जानते हैं की AI कैसे काम करता है वो भी Step By Step प्रक्रिया में।

Input

AI की पहली Step होती है input। इस Step में एक engineer को वो सभी Data को collect करना चाहिए जो की एक AI को ज़रूरत होती है ठीक रूप से काम करने के लिए।

Data की जो हम बात कर रहे हैं वो केवल text ही नहीं होनी चाहिए, बल्कि ये images या speech भी हो सकती है। वहीं, ये भी ज़रूरी है की आप जो भी Data Input कर रहे हैं वो algorithms के द्वारा पढ़ा जा सके।

वहीं ये भी उतनी ही ज़रूरी है की आपको ये भी clearly define करना होगा की Data का context क्या है और आपको क्या परिणाम चाहिए होता है अंत में।

Processing

अब दूसरा Step होता है Processing। इस processing step में AI data को ग्रहण करती है और ये निर्धारित करती है की उसके साथ क्या करना है। Processing करने के दौरान, AI interpret करती है pre-programmed data और साथ में इस्तमाल करती है उस behaviors को जिसे की इसने सीखा है समान और similar behavior patterns को जानने के लिए real-time data में।

ये निर्भर करती है उस विशेष AI technology के ऊपर जिसका आप इस्तमाल कर रहे हों।

Data Outcomes

एक बार AI technology ने Data को process कर दिया फिर ये Outcomes को भी predict करने लगती है। ये step ये निर्धारित करती है की data और इसके द्वारा प्रदान किए गए predictions असल में failure हैं या फिर success हैं।

Adjustments

अगला Step होता है Adjustments का, इसमें अगर data set प्रदान करता है एक failure result को, तब फिर AI technology इस गलती से सीख लेता है और फिर चीजों को पूरे ही अलग ढंग से solve करने की कोशिश करता है।

इसमें algorithms की rules को ज़रूरत के हिसाब से adjust या बदला किया जाता है जिससे की वो Data Set में Fit हो सके। ऐसा करने पर Outcomes भी shift हो सकती है इस adjustment phase के दौरान जिससे की आपको एक ज़्यादा बेहतर और appropriate outcome मिल सके।

Assessments

एक बार AI ने अपने दिए गए task को पूर्ण कर लेता है फिर आख़िर का Step होता है assessment का। ये assessment phase में technology महजुदा data को analyze करता है और ज़रूरी inferences और predictions करता है। वहीं ये आपको प्रदान करता है ज़रूरी और मददगार feedback वो भी फिर से algorithms को चलाने से पहले।

AI तो सभी कार्यों के लिए बहुत ही ज़रूरी है लेकिन ये भी जानना ज़रूरी है की आपको सही AI का करना आना चाहिए। इससे ही आपको जल्दी सफलता हाथ लगती है।

Artificial Intelligence के कुछ उदाहरण

Artificial intelligence technology का इस्तमाल कई तरीक़े से किया जाता है। फिर उसमें आप Chatbots से लेकर fitness trackers तक चीजों को में देख सकते हैं। चलिए दूसरे कुछ उदाहरणों के बारे में जानते हैं।

ChatGPT

ChatGPT एक artificial intelligence chatbot है जो की आपके सवालों के जवाब देने में सक्षम होता है। ChatGPT को launch किया गया है OpenAI के द्वारा सन November 2022 में। वहीं ChatGPT के पीछे काम करती है है एक बहुत ही बड़ी language model जो की इसकी मदद करती है इंसानों के तरह लिखने में।

Google Maps

Google Maps आपके Smartphones के location data का इस्तमाल करता है, वहीं इसके साथ वो user-reported data का भी का भी इस्तमाल करता है, जिससे वो सहजता के साथ car accidents, ebb को monitor करना, traffic के flow को चेच्क करना है।

Smart Assistants

Personal AI assistants जैसे की Siri, Alexa and Cortana इस्तमाल करते हैं natural language processing, या NLP का, जिससे की User से ये instructions receive कर सकेंगे।

ज़्यादातर cases में इन assistants को ख़ास तरीक़े से designed किया गया है जिससे की ये एक User के to learn a preferences को समझ सकें और उनके Experience को बेहतर भी बना सकें समय के साथ वो भी बेहतर suggestions और ज़्यादा अनुकूलित प्रतिक्रियाएँ के साथ।

Self-Driving Cars

Self-driving cars में आपको deep learning का इस्तमाल होता हुआ दिखायी पड़ेगा। चूँकि वो deep neural networks का इस्तमाल करते हैं इसलिए वो उनके चारों तरफ़ के Objects को आसानी से detect कर सकते हैं, उनके distance को जान सकते हैं वहीं आगे की traffic signals को भी identify कर सकते हैं।